वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया है। बजट में एक तरफ जहां सस्ते होम लोन पर डेढ़ लाख रुपये की छूट देकर आम आदमी को लुभाने की कोशिश की गई है, वहीं सरकार ने इस बार किसानों का दिल जीतने का प्रयास किया है।
निसंदेह ये बजट ग्रामीण भारत के साथ-साथ किसानों के लिए कई तरह की सौगात लेकर आई है। चलिए आपको बताते हैं कि ये बजट से किसानों और ग्रामीण भारत को कैसे प्रभावित करेगी।
20 लाख किसानों को मिलेंगें सोलर पंप
प्रधानमंत्री – किसान के सभी पात्र लाभार्थियों को केसीसी योजना के अंतर्गत शामिल किया जाएगा। इसके अलावा सरकार पानी की समस्या से जुझ रहे 100 जिलों के लिए व्यापक उपाय करने, 20 लाख किसानों को स्टैंड अलोन सौर पम्प स्थापित करने के लिए पीएम – कुसुम योजना का विस्तार करने
और अन्य 15 लाख किसानों को उनके ग्रिड से जुड़े पम्प सेट को सौर ऊर्जा आधारित बनाने, ब्लॉक/ताल्लुक स्तर पर और बागवानी क्षेत्र में कार्यक्षम मालगोदाम स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें बेहतर मार्केटिंग और निर्यात के लिए राज्यों की सहायता करने का प्रस्ताव है जो “एक उत्पाद, एक जिला” पर विशेष ध्यान देंगे।
2025 तक दूध प्रसंस्करण होगा 108 मिलियन टन
महिला किसानों को जहां धन लक्ष्मी योजना का फायदा मिलेगा, वहीं जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं से निपटने के लिए रेल सुविधा शुरू की जाएगी। सरकार वर्ष 2025 तक मवेशियों के खुर और मुंह में होने वाली बीमारी ब्रूसिलोसिस तथा भेड़ और बकरियों में होने वाली पेस्ते देस पेटिस रुमिनेंट (पीपीआर) नामक बीमारी को खत्म करेंगे।
कृत्रिम गर्भाधान का कवरेज वर्तमान 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाएगा। चरागाह विकसित करने के लिए मनरेगा को जोड़ने, 2025 तक दूध प्रसंस्करण क्षमता को 53.5 मिलियन मीट्रिक टन से दुगुना करके 108 मिलियन मीट्रिक टन किया जाएगा।
2023 तक मत्स्य उत्पादन होगा 200 लाख टन
इसी प्रकार से नीली अर्थव्यवस्था में वर्ष 2022-23 तक मत्स्य उत्पादन बढ़ाकर 200 लाख टन करने का प्रस्ताव है। सरकार युवाओं 3477 सागर मित्रों तथा 500 मत्स्यपालक उत्पादक संगठनों के माध्यम से मछली पालन का विस्तार करेगी।
उम्मीद है कि 2024-25 तक मछली का निर्यात बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये तक हो जाएगा। दीन दयाल अन्तोदय योजना – गरीबी उन्मूलन के लिए 50 लाख परिवारों को 58 लाख स्वंसहायता समूहों के साथ जोड़ा गया है और इसका आगे भी विस्तार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 15 लाख करोड़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दौरान कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास के लिए कई बड़ी घोषणा की। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि, ग्रामीण विकास, सिंचाई और सम्बद्ध कार्यों पर 2.83 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे क्योंकि किसान और ग्रामीण गरीबों पर सरकार मुख्य रूप से ध्यान देना जारी रखेगी।
वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 6.11 करोड़ किसानों का बीमा करके सरकार उनके जीवन में उजाला कर चुकी है। वर्ष 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण का लक्ष्य रखा गया है।
Source: krishijagran